मिट्टी का घरौंदा बनायेंगें,
न बह जायें कहीं वो
ऐसी छांव को पायेंगें,
ज्ञान की फुलवारी से
उस घर को सजायेंगे,
मानवता के फूल से
उसकी शोभा बढायेंगे,
सूर्य किरणों को
उसकी आँगन -धूल बनायेंगे,
घर की महक होगी
खुशियों को बसाने से,
घरौंदा होगा अडिग हरदम
भले ही लाख तुंफा आयें,
है मिट्टी में भी इतना दम
ये सब को कर दिखायेंगे.!!
ज्ञान की फुलवारी से
उस घर को सजायेंगे,
मानवता के फूल से
उसकी शोभा बढायेंगे,
सूर्य किरणों को
उसकी आँगन -धूल बनायेंगे,
घर की महक होगी
खुशियों को बसाने से,
घरौंदा होगा अडिग हरदम
भले ही लाख तुंफा आयें,
है मिट्टी में भी इतना दम
ये सब को कर दिखायेंगे.!!
1 टिप्पणी:
isse bhi devnagri me kar daalo
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