कांग्रेस अब बता तू और क्या छीनेगा...
खाने से दाल छीनी,
मिठाई से चीनी,
गाड़ी से तेल निकाला
तो रसोई से गैस छीनी..
कांग्रेस अब बता तू और क्या छीनेगा...
नौजवानो के सपने छीने,
तो बूढ़ो का छीना चैन,
माँ की अस्मिता लूटी
तो दरिन्दो को ही दिया चैन..
कांग्रेस अब बता तू और क्या छीनेगा...
-लोकेन्द्र
(इस आकाँक्षा के साथ की अब घर की माँ-बहनो की कम से कम इज्जत बख्शेगेँ..)
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