मंगलवार, 2 सितंबर 2008

"इक गुडियाँ"

इक नन्ही सी गुडियाँ, प्यारी सी गुडियाँ,
सिल्की सी गुडियाँ, माँ की दुलारी है गुडियाँ,
थोड़ी सी सख्त पर दयालु है गुडियाँ,
परियों के दिल से भी खुबसूरत है गुडियाँ,
रोती है पल भर में, हँस देती है गुडियाँ,
कहतें हैं सारे दोस्त, दोस्त के रूप तोहफा है गुडियाँ,
कईयों के गम छुपा कर हमेशा हँसती रहती गुडियाँ,
अनेकों सपने लेकर दुनिया में आई है गुडियाँ,
गलती होती है किसी से माफ कर देती है गुडियाँ,
डर लगता है हमको इससे, क्योंकि हम सब की जरुरत है ये गुडियाँ !!

1 टिप्पणी:

roushan ने कहा…

Welcome in blog world.
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and yes please remove word verification