सोमवार, 18 मई 2009

"किसी का इंतजार बाकी है..."


न कोई बात बाकी है
न कोई रात बाकी है
तमन्नाओं में जाने क्यूं
अब भी इक शाम बाकी है,

न कोई ख्वाब बाकी है
न कोई सफर बाकी है
डायरी में जाने क्यूं
अब भी कुछ याद बाकी है,

वादा था किसी का
न कोई मुलाकात बाकी है
दिल में न जाने क्यूं
किसी का इंतजार बाकी है !!

14 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा रचना!!

रंजना ने कहा…

Sundar rachna.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

न कोई बात बाकी है
न कोई रात बाकी है
तमन्नाओं में जाने क्यूं
अब भी इक शाम बाकी है,

तमन्ना तो जिन्दा रहनी ही चाहिए..........
खूबसूरत लिखा है

karuna ने कहा…

इंतजार के बिना जिन्दगी गुज़रना कठिन ही नहीं असंभव है इसलिए जिन्दगी में इंतजारहोना ज़रूरी है |
अच्छी रचना के लिए बधाई ,

karuna ने कहा…

इंतजार के बिना जिन्दगी गुज़रना कठिन ही नहीं असंभव है इसलिए जिन्दगी में इंतजारहोना ज़रूरी है |
अच्छी रचना के लिए बधाई ,

karuna ने कहा…

इंतजार के बिना जिन्दगी गुज़रना कठिन ही नहीं असंभव है इसलिए जिन्दगी में इंतजारहोना ज़रूरी है |
अच्छी रचना के लिए बधाई ,

कृषि समाधान ने कहा…

Only thing that I can say is a big really big "Wow"!!!
Chandar Meher

Rajat Narula ने कहा…

bahut sunder rachna hai...

मैं आज़ाद हूं ने कहा…

abhi bhi jeevan ke kai raste baki,
un par hai apna mukam banana baki.

मैं आज़ाद हूं ने कहा…

abhi bhi jeevan ke kai raste baki,
un par hai apna mukam banana baki.

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है!

Dimple ने कहा…

Hi,

Very beautiful... awesome!

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

Unknown ने कहा…

rachna achhi lagi lekin bhavnao ki sampurnata ka aabhav khataka...

Balwant Singh ने कहा…

gajab babu kya likhate ho jaanu

bahut khub...pucho mat ye choti choti panktiya kitane gahare ja simtati hai....