गुरुवार, 6 अगस्त 2009

"यादों की इक रेल चली..."

बस ऐसे ही एकांत में बैठा था मै की अन्तरमन कुछ पाने को व्यग्र सा हो रहा था। मैंने उसी समय अपनी कलम उठा ली और भावनाओ को एक पन्ने पर दर्ज कर दिया............. उसी एहसास की बातें अब आप लोगों के सामने यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ.............
यादों की इक रेल चली है
संगी-साथी लाने को,
पाने को वो हमराही 
जो हमदर्द हमारा होता था, 
यादों की इक रेल...... 

सफर में चलती रही  

इक कारवां के साथ में 
मंजिल अभी मिल न सकी
कुछ राहगीर पाती गई, 
यादों की इक रेल.......

बदगुमाँ माहौल था जब 

मिला न वो हमसफ़र, 
सिसकियों की आड़ में 
वो दास्ताँ कहती गई,
यादों की इक रेल........

कुछ मित्रों को ढूंढ रही थी 

उन सूनी सी राहों पर, 
मस्ती के पल को कैद किए 
जहाँ पर यादें बसतीं थी, 
यादों की इक रेल........

भूली है न वो कुछ भी 

न भटकी है राहों से, 
सब मिल जाता उसको कैसे 
यह ही अब इक प्रश्न बचा, 
यादों की एक रेल चली है 
संगी-साथी लाने को !!

24 टिप्‍पणियां:

Rohit A Chandwaskar ने कहा…

Sir, mazaa aa gaya padh kar..kuch panktiyaan to behatareen hai

Keep writing..
All the best.

Amit K Sagar ने कहा…

महोदय, मजा आ गया आपकी रचना पढ़कर. अच्छी रचना. जारी रहिये.

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एक चिठ्ठी देश के नाम लिखिए...उल्टा तीर

Ashutosh ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना
हिन्दीकुंज

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

इस खूबसूरत प्रस्तुति के लिए,
बधाई।

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बढिया रचना है।बधाई।

shama ने कहा…

Waah..yaadon kee rel ye kalpna hee kitnee manbhawan hai...!

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निर्मला कपिला ने कहा…

सिसकियों की आढ मे
वो दास्तां कहती गयी
रेल के माध्यम से गहरी भावमय अभिव्यक्ति की है कल्पनाओं का बडिया सम्मिष्रण है शुभकामनायें

Vinay ने कहा…

बहुत गहरी अभिव्यक्ति
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'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!

कृषि समाधान ने कहा…

Very Nice. I liked it. It is very cool, full of emotions.
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शारदा अरोरा ने कहा…

यादों में डुबकी , सुन्दर प्रस्तुति

अर्चना तिवारी ने कहा…

वाह ! जी आपकी रेल में तो मजा आ गया...सुंदर कविता

MAZHAR ने कहा…

Aapki abhiwyakti main jo saadgi hai woh kahin kahin per dil ko chooti hai .

Awantika singh ने कहा…

accha laga likhate raheya

कौशलेन्द्र ने कहा…

अच्छी भावाभिव्यक्ति है,प्रयास जारी रखना

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

बहुत खूबसूरत .....!!

सुन्दर प्रस्तुति ....!!

Anil Pusadkar ने कहा…

सच जब यादों की रेल चलती है……………………सब कुछ कह दिया आपने।सुन्दर रचना,सुन्दर भाव्।

P.N. Subramanian ने कहा…

बहुत सुन्दर. मजा आ गया. चित्र भी बढ़िया रहा. आभार

शागिर्द - ए - रेख्ता ने कहा…

अच्छी पंक्तियाँ है | बहुत सुंदर | हार्दिक बधाई |

Unknown ने कहा…

yaadein jindgi bhar saath rahti hain
bhale hi saathi chhut jate hain
aap ki kavita mujhe aapni yaadoon me kho jane ko mazboor kar rahi hai

Alpana Verma ने कहा…

यादों की इसी रेल में जीवन का सफ़र तय करते चले जाते हैं..सभी...

लोकेन्द्र जी अच्छी रचना लिखी है.

Urmi ने कहा…

इस ख़ूबसूरत और बेहतरीन रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ ! तस्वीर भी बहुत सुंदर है!

Unknown ने कहा…

bahut sunder. achchi kalpanaye joki haqeekat se tartamya bithha karke rachi gayee hai..

Unknown ने कहा…

bahut sunder. achchi kalpanaye joki haqeekat se tartamya bithha karke rachi gayee hai..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

विस्मय विमुग्ध हूँ.... बहुत ही अच्छी रचना.......
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